पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के लोग जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास को देखकर कहते हैं कि हमें सिर्फ धोखा मिला। आजाद कश्मीर के नाम पर हजारों कश्मीरी युवाओं को जिहाद के नाम पर आतंकी बनाया गया।
पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के लोग जम्मू-कश्मीर का विकास देखकर प्रभावित हैं। पाकिस्तानी सेना, आतंकी और धार्मिक कट्टरपंथियों के डर से भले ही खुलकर वे यह नहीं बोलते कि उन्हें पाकिस्तान से पूरी तरह आजाद होना हैं। लेकिन, जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास को देखते हैं तो उनके मुंह से सहज ही निकलता है कि उन्हें आजाद कश्मीर के नाम पर धोखा और शोषण मिला है।
एक न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक 1980-1990 के दौरान आजाद कश्मीर के नाम पर हजारों कश्मीरी युवाओं को जिहाद के नाम पर आतंकी बनाया गया। लेकिन, अब उन्हें महसूस होने लगा कि उन्हें किस तरह से ब्रेनवॉश किया गया और भ्रम में रखा गया। जबकि, उनसे कुछ कदम दूर कश्मीर में भारत के झंडे तले लोग विकास की दौड़ में उनसे दशकों आगे पहुंच गए हैं।
श्रीनगर से आज सीधे दुबई के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं। पीओके में पक्की सड़कें भी नहीं। जबकि, जम्मू-कश्मीर से लेकर लद्दाख तक हाईवे, टनल और ब्रिज और रेलवे लाइन बन रही हैं।
जाहिर, यह इसी वजह से हुआ क्योंकि, भारत ने कश्मीरी नौजवानों को जिहाद के नाम पर नफरत का जहर देने के बजाय विकास का अमृत दिया है। कल तक भारत से जिन कश्मीरियों को आजाद कराने के लिए हाथों में एके-47 लिए घूमने वाले आज हाथों में कटोरा लिए घूम रहे हैं, जबकि भारत के मुसलमान बेहतर जिंदगी जी रहे हैं।
ट्विटर पर छलका दर्द
लद्दाख एयरपोर्ट के बोर्ड की तस्वीर पोस्ट कर प्रोफेसर एमसएस रजा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, काश पाकिस्तान में ऐसा होता। रजा ने बोर्ड पर स्थानीय भाषा में लिखे संकेतों को लेकर कहा, भारत सभी संस्कृतियों और भाषा का रक्षक है, जबकि पाकिस्तान सबकी पहचान को मिटा रहा है।
लंदन में रहने वाले रजा खुद को नेशनल इक्वेलिटी पार्टी गिलगित बाल्टिस्तान एंड लद्दाख का अध्यक्ष बताते हैं और गिलगित, बाल्टिस्तान (पीओके) को फिर भारत में शामिल किए जाने की पैरवी करते हैं।